i) परिचय | योजनाए | नियोजन | भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian Economy

परिचय | Introduction 



  • स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद स्माजवादी समाज की स्थापना के लिए अर्थव्यवस्था का मिश्रित स्वरूप स्वीकार किया गया हैं, जिसमे पूंजीवादी व साम्यवादी दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्था की कमयों को दर-किनार का इनके सकारात्मक पक्षो को स्वीकार किया गया । 
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था मे सार्वजनिक व निजी क्षेत्र दोनों को उत्पादन क्षेत्र मे बराबर महत्व दिया जाता हैं । 



क्षेत्र | Area's: 

  • प्राथमिक:

i). इसमे कृषि, वन व मत्स्यन शामिल हैं। वर्ष 1950-51 मेन GDP मेन इसका योगदान 55.4% था, जो वर्ष 2010-11 मे घटकर 14.5% के स्तर पर आ गया हैं। 


  • द्वितीयक:

i) इसमे विनिर्माण खनन, बिजली निर्माण आदि शामिल हैं। वर्ष 1950-51 मे GDP मे इसका योगदान 15% था, जो अब बढ़कर 27% के स्तर पर आ गया हैं।


  • तृतीयक: 

i) इसे सेवा क्षेत्र भी कहते हैं, इसमें वित्त परिवहन संचार होटल व अन्य सेवाए आती हैं। वर्ष 1950-51 मे GDP मे इसका योगदान 29.6% था, जो अब 59% के स्तर पर आ गया हैं। 


भारत में आर्थिक नियोजन | economic planning in India: 


  • विकास की ऐसी रणनीति बनाना जिससे पूर्व निर्धारित बहूदेशीय लक्ष्यों को समिति संसाधनो के बल पर एक निश्चित समयावधि मे प्राप्त किया जा सके। 
  • भारत मे नियोजन की आवश्यकता के संदर्भ मे Sir M विश्वेश्वरेया के नाम से एक पुस्तक लिखी। 
  • कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन (1938) मे जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता मे राष्ट्रीय नियोजन समिति का गठन हुआ। 
  • वर्ष 1944 मे भारत के आठ प्रमुख उद्योगपतियों ने आर्देशिर लाल की देख-रेख मे बॉम्बे प्लान प्रस्तुत किया।
  • वर्ष 1943 मे श्री मननरायण द्वारा गांधीवाद योजना प्रस्तुत की गयी। 
  • वर्ष 1945 मे एम एन रॉय ने जन योजना प्रस्तुत की। 
  • वर्ष 1950 मे जय प्रकाश नारायण द्वारा सर्वोदय योजना प्रस्तुत की गयी



आर्थिक नियोजन से जुड़ी संस्थाए: 

1) योजना आयोग | Planning Commision 


  • भारत मे योजना आयोग का गठन नियोगी समिति की सिफ़ारिश पर 15 मार्च 1950 को किया गया। 
  • यह एक गैर संवेधनिक संस्था हैं जिसका पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता हैं। 
  • वित्त, ग्रह, रक्षा मंत्री इसके पदेन सदस्य होते हैं। 



2) राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) | National Developmen Council:


  • आर्थिक नियोजन हेतु एक प्रस्ताव द्वारा गैर संवैधानिक निकाय के रूप मे 6 अगस्त 1952 को इसका गठन किया गया। 
  • वर्ष 1967 के बाद से केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य इस निकाय के सदस्य, केंद्रशासित प्रदेशो के प्रशासक व योजना आयोग के सभी सदस्य इस निकाय के सदस्य होते हैं।
  • योजना आयोग के सदस्यो के साथ, राज्य के मुख्यमंत्रियों को मिलाकर इसका गठन किया जाता हैं। 
  • यह भी एक गैर संवैधानिक निकाय हैं, जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता हैं। 



3) अंतर्राज्यीय परिषद | Inter-State Council:


  • यह एक संवैधानिक संस्था है। 
  • इसके गठन का अधिकार राष्ट्रपति को है। 
  • इसका प्रमुख कार्य केंद्र व राज्य के बीच समान्वय स्थापित करना हैं। 
  • इसकी स्थापना प्रक्रिया संगठन दायित्व व कार्यो का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 263 मे दिया गया हैं। 
  • वर्ष 2004 मे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मे इस परिषद का पुनर्गठन किया गया और ग्रह मंत्री की अध्यक्षता मे इस परिषद की स्थायी समिति का गठन किया गया। 


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